सौर उर्जा से बिजली उत्पादन में राजस्थान ने उंची छलांग लगा दी है. राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जो देश के अन्य सभी राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा बिजली का उत्पादन सौर उर्जा से करेगा. राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और टिहरी हाइड्रो डवलपमेंट कारपोरेशन दोनों मिलकर राजस्थान में 10 हजार मेगावाट मेगा अक्षय ऊर्जा पार्क विकसित करेंगे. अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल और टीएचडीसीआईएल के सीएमडी राजीव विश्नोई की उपस्थिति में ऋषिकेश में एक समझौता ज्ञापन पर अक्षय ऊर्जा निगम की ओर से निदेशक तकनीकी सुमित माथुर और टीएचडीसीआईएल की और से महाप्रबंधक हाइब्रिड एनर्जी बिजनस संजय खेर ने हस्ताक्षर किए. इस एमओयू के अनुसार राजस्थान में नवीकरणीय ऊर्जा पार्क का क्रियान्वयन व विकास दोनों कंपनियों द्वारा गठित संयुक्त उपक्रम स्पेसल परपज व्हीकल एसपीवी के माध्यम से किया जाएगा.
सौर ऊर्जा उत्पादन में देश का प्रथम राज्य कौन सा है?
तीन सालों में पाया यह पायदान
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि हाल ही समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 3000 मेगावाट क्षमता से अधिक क्षमता विकसित की जा चुकी हैं, जबकि पिछले तीन सालों में प्रदेश में 6552 मेगावाट क्षमता विकसित हुई है. इस अवसर पर डॉ. सुबोध अग्रवाल ने टीएचडीसीआईएल द्वारा अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में लिए गए इस जरूरी कदम व अनूठी पहल की प्रशंसा की. साथ ही हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया.भारत का पहला सौर ऊर्जा संचालित गाँव
मंदिर में 3-डी प्रोजेक्शन सुविधा मिलेगी जो पर्यटकों को मोढेरा के इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान करेगी।
सौर ऊर्जा उत्पादन: सौर ऊर्जा उत्पादन में सौर ऊर्जा गाँव आत्मनिर्भर होगा, क्योंकि यह गाँव के घरों पर लगाए गए 1000 सौर पैनलों का उपयोग करेगा, जिससे ग्रामीणों के लिये चौबीसों घंटे बिजली पैदा होगी।इसे ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट और आवासीय एवं सरकारी भवनों पर 1300 से अधिक रूफटॉप सोलर सिस्टम के माध्यम से विकसित किया गया है, जो सभी बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के साथ एकीकृत हैं।BESS एक प्रकार की ऊर्जा भंडारण प्रणाली है जो बिजली के रूप में ऊर्जा को स्टोर और वितरित करने के लिये बैटरी का उपयोग करती है।
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